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जल विद्युत केन्द्र क्या होता है?

जल विद्युत केन्द्र क्या होता है?

नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे कि जल विद्युत केंद्र (Hydro Electric Power station) क्या होता है? तथा इनको स्थापित करने हेतु किन किन बातों का ध्यान रखा जाता है? तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों के बारे में जानेंगे।

जल विद्युत केंद्र (Hydro Electric Power station)

इन जल विद्युत केंद्र में जल की स्थितिज तथा गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।

जल विद्युत केंद्र हेतु स्थल चयन (Site Selection for Hydro Electric Power Station)

जल विद्युत केंद्र हेतु स्थल चयन के लिए निम्न बातों दृष्टिगत रखनी आवश्यक हैं -

किलोवाट निर्गत = (η×WH)/1000 kW

  1. उपर्युक्त जल ऊर्जा शीर्ष - यदि पानी का भार W तथा H पानी का शीर्ष हो तब, उपयुक्त चित्र से ---
  2. पर्याप्त जल की उपलब्धता (Availability of sufficient water)
  3. जलाशय हेतु बांध निर्माण की संभावना
  4. पर्याप्त जल क्षेत्र (Sufficient Water catchment area)
  5. जलाशय की पर्याप्त क्षमता (Sufficient capacity of reservoir)
  6. बाढ़ रहित क्षेत्र

जल की उपलब्धता के आधार पर शक्ति केन्द्रों को पुन: निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है -

निम्न शीर्ष प्लान्ट (Low Head Plants)

इस प्रकार के जल विद्युत केंद्र में जल शीर्ष 45 मीटर से कम होता है।

Low head plant

मध्यम शीर्ष प्लान्ट (Medium Head Plants)

Medium head plant

इस प्रकार के जल विद्युत केंद्र में जल शीर्ष 45 मीटर से 300 मीटर तक होता है।

उच्च शीर्ष प्लान्ट (High Head Plant)

इस प्रकार के जल विद्युत केंद्रों में जल शीर्ष 300 मीटर से अधिक होता है।

भार के अनुसार वर्गीकरण (classification by weight)

जल विद्युत केंद्र भार के अनुसार निम्न प्रकार वर्गीकृत किये जा सकता है

बेस लोड प्लान्ट (Base load Plant)

ऐसे संयंत्र जो आधार भार के लिए विद्युत जेनरेटर करते हैं अर्थात् इन पर पर प्रयुक्त भार निश्चित एवं स्थिर होता है।

पीक लोड प्लान्ट (Peak load Plant)

यह पीक लोड को सप्लाई करने हेतु प्रयोग किए जाते हैं पीक लोड परिवर्तनशील तथा अपेक्षाकृत कम समय के लिए होता है।

पम्पित स्टोरेज प्लान्ट (Pumped Storage Plant)

विद्युत भार घटने पर मोटर पम्प के सैट की भांति कार्य करके टेल रेल से पानी उठाकर हैडरेस के जलाशय में पहुंचाते हैं। विद्युत भार बढ़ने पर अथवा शिखर भार (peak load) पर टरबाइन जेनरेटर सेट का कार्य करके अधिक विद्युत शक्ति जनित करती है। ऐसे देश जहां पानी की कमी है इस प्रकार के केन्द्र स्थापित किये जाते हैं। भारतवर्ष में ऐसा कोई केंद्र नहीं है।

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