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ट्राइस्टेट लॉजिक (Tri-state Logic) होते हैं?

सामान्य लॉजिक परिपथों में आउटपुट की दो स्टेट होती है:-

  • LOW
  • HIGH

यदि आउटपुट LOW स्टेट में नहीं है तब निश्चित ही आउटपुट दूसरी स्टेट HIGH में होती है। कॉम्पलेक्स डिजिटल प्रणालियों जैसे कि माइक्रोकम्प्यूटर एवं माइक्रोप्रोसेसर्स में अनेक गेट्स की आउटपुट (output of a number of gates) एक कॉमन लाइन से संयोजित की जाती हैं जिसे बस (bus) कहते हैं।

यह बस प्रायः अनेक गेट्स (gates) की इनपुट ड्राइव करती है। परन्तु अनेक गेट्स की आउटपुट, बस (bus) से संयोजित करने में निम्न कठिनाई होती है-

  • Totempole आउटपुट सप्लाई से अधिक धारा लेने के कारण परस्पर संयोजित नहीं की जा सकती। यदि Totempole आउटपुट एक साथ संयोजित की जाती है तब ICs अत्यधिक गर्म होकर नष्ट हो जाते हैं।
  • Open-Collector आउटपुट एक कॉमन कलेक्टर प्रतिरोध द्वारा परस्पर संयोजित की जा सकती है। परन्तु इसमें लोडिंग की समस्या होती है तथा प्रचालन गति कम हो जाती है।

उपरोक्त कठिनाइयों को हल करने के लिए तीन स्टेट (three states) के परिपथों का विकास हुआ। इन परिपथों की तीसरी स्टेट (third state) उच्च प्रतिबाधा स्टेट (high impedance state) कहलाती है।

अन्य दो स्टेट सामान्य LOW तथा HIGH होती हैं। इस प्रकार के परिपथ ट्राइ-स्टेट (TRI-STATE) अथवा TSL (tri-state logic) कहलाते हैं।

ट्राइस्टेट स्विच दो प्रकार के होते हैं-

  • सामान्यतः ओपिन ट्राइस्टेट स्विच (Normally open tri-state switch)
  • सामान्यत: क्लोज्ड ट्राइस्टेट स्विच (Normally closed tri-state switch) and

सामान्यतः ओपिन ट्राइस्टेट स्विचस्विच ओपिन

सामान्यतः ओपिन ट्राइस्टेट स्विचस्विच ओपिन (open) होने का अर्थ है, उच्च आउटपुट प्रतिबाधा अवस्था (high output impedance state)। चित्र 5.23 में सामान्यतः ओपिन ट्राइस्टेट स्विच (NO tri-state switch) का परिपथ तथा संकेत दिया गया है।

जब स्विच को कन्ट्रोल इनपुट (control) low अर्थात् होती है तब ट्रान्जिस्टर ऑफ स्टेट में होता है। इससे इसके कलैक्टर पर वोल्टेज प्राप्त होती है। यह वोल्टेज ट्रान्जिस्टर T2 के बेस पर एप्लाई होती है (Vcc लॉजिक 1 के तुल्य है)। ट्रान्जिस्टर T2 ऑन हो जाता है तथा इसका कलेक्टर low (0) हो जाता है।

ट्रान्जिस्टर T3 एवं T4 के बेस पर "low" होने से ये ऑफ रहते हैं। इस कारण से आउटपुट (Do) ओपिन स्टेट में होती है अर्थात् floated रहती है। यह स्विच की उच्च प्रतिबाधा अवस्था (high impedance state) कहलाती है।

इस अवस्था में इनपुट Din पर 1 अथवा 0 कोई भी स्टेट होने पर आउटपुट ओपिन स्टेट में रहती है।

स्विच की low तथा high आउटपुट स्टेट- जब कन्ट्रोल इनपुट high अथवा स्टेट में होती है तब ट्रान्जिस्टर T1 ऑन (ON) स्टेट में रहता है। इससे T1 का कलेक्टर 'low' हो जाता है। यह "low' ट्रान्जिस्टर T2 के बेस पर एप्लाई होता है। जिससे वह ऑफ हो जाता है।

इनपुट Din low (0) होने पर डायोड ON हो जाता है जिससे ट्रान्जिस्टर T3 का बेस भी low (0) हो जाता है अत: T3 एवं T4 ऑफ रहते हैं। इससे आउटपुट पर low (0) स्टेट होती है अर्थात् D0 = 0।

इसके विपरीत इनपुट D उच्च (1) स्टेट में होने पर डायोड ऑफ रहता है। अतः ट्रान्जिस्टर 73 के बेस पर सप्लाई in + V प्राप्त होने के कारण यह फारवर्ड बायस में आ जाता है। 73 तथा 74 ऑन हो जाते हैं अत: आउटपुट (Do) भी उच्च (1) हो जाती है, अर्थात् Do = Din

सामान्यतः बन्द ट्राइस्टेट स्विच (Normally closed Tri-state switch)

चित्र 5.24 में एक NC (normally closed) ट्राइस्टेट स्विच का परिपथ संकेत तथा सत्य तालिका दी गई है।

जब कन्ट्रोल इनपुट high (1) स्टेट में होती है तब इनपुट Din पर 0 अथवा 1 कोई भी स्टेट होने पर आउटपुट ओपिनस्टेट में रहती है अर्थात् स्विच उच्च प्रतिबाधा अवस्था (high impedance state) में रहता है।

जब कन्ट्रोल इनपुट low (0) स्टेट में होती है उस समय आउटपुट पर भी इनपुट की स्टेट प्राप्त होती है अर्थात् Do = Din | इस प्रकार इनपुट Din high' (1) होने पर आउटपुट D पर भी "high" (1) स्टेट प्राप्त होती है तथा इनपुट Din low" (0) होने पर आउटपुट Do भी 'low" स्टेट में होती है।