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Strain gauge kya hota hai?

नमस्कार दोस्तो कैसे हो आप सब, उम्मिद करता हूं आप सब अच्छे होंगे। आज मैं आपके लिए लेकर आया हूं स्ट्रेन गेज (Strain Gauge) क्या होता है। तथा उत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए स्ट्रेन गेज के अभिलक्षण क्या होने चाहियें तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों के बारे में जानेंगे। तो आइए हम शुरू करते हैं।

स्टेन गेज (Strain Gauge)

जब किसी स्ट्रक्चर अथवा उसके किसी मेम्बर ( member ) पर कोई दाम पड़ता है तब उसमें डिफॉर्मेशन उत्पन्न होता है । स्ट्रेन द्वारा किसी निश्चित दूरी एवं दिशा में उत्पन्न प्रसार अथवा संकुचन ( extension or compression ) को मापा जा सकता है ।

अधिकतर स्ट्रेनगेज , स्ट्रेन में परिवर्तन को प्रतिरोध एवं चुम्बकीय ( or inductive ) परिवर्तन के पदों में रिकार्ड करती हैं । कुछ गेज फोटोइलेक्ट्रिक अथवा पीजोइलेक्ट्रिक प्रभाव पर भी आधारित होते है । प्रतिरोध पर आधारित गेज 'Resistance Wire Strain Gauge' कहलाती है ।

वायर स्ट्रेन गेज में एक मोटा धातु का तार किसी कैरियर ( उदाहरणतः पेपर ) पर सीमेन्टेड ( Cemented ) i होता है । यह प्रतिरोध तार ही डिफॉर्मेशन ज्ञात करने के लिए measuring element का कार्य करता है । इस मापन में स्ट्रेन गेज , स्ट्रक्चर के उस भाग पर सीमेंट कर दिया जाता है जिस पर स्ट्रै उत्पन्न होता है ।

स्ट्रक्चर की सतह में उत्पन्न डिफॉर्मेशन , सीमेन्ट की परतों तथा कैरियर से होकर धातु के तार ( gauge wire ) में ट्रांसफर हो जाते हैं जिससे तार के प्रतिरोध में अनुपातिक परिवर्तन ( proportional change ) होते हैं जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक अथवा इलेक्ट्रिकल विधियों द्वारा मापा जा सकता है ।

स्ट्रेन गेज ( resistance strain gauges ) के प्रकार

प्रतिरोध के परिवर्तन के सिद्धान्त पर कार्य करने वाली स्ट्रेन गेज ( resistance strain gauges ) दो प्रकार की होती हैं ;-

  • अनबोन्डेड टाइप स्ट्रेन गेज ( Unbonded type strain gauge )
  • बोन्डेड टाइप स्ट्रेन गेज ( Bonded type strain gauge )

अनबोन्डेड टाइप स्ट्रेन गेज ( Unbonded Type Strain Gauge )

चित्र 19.61 ( a ) में एक Unbonded टाइप स्ट्रेन गेज प्रदर्शित की गयी है । इस गेज में प्रयुक्त प्रतिरोधी तार किसी इनसुलेटिंग माध्यम उदाहरणतः वायु में दो बिन्दुओं के मध्य तनाव में ( stretched ) रखा जाता है । प्रतिरोधी तार प्रायः कॉपर - निकिल , क्रोम - निकिल अथवा निकिल - आयरन मिश्र धातुओं ( alloys ) के होते हैं । इनका व्यास 0.003mm तथा लम्बाई 25mm अथवा इससे कम होती है ।

strain gauge
strain gauge

चित्र 19-61 ( a ) में विस्थापन ( displacement ) मापन की विधि की गयी है । प्रणाली में दो फ्रेम एक स्थिर तथा दूसरा मूविंग ( moving ) है । दोनों फ्रेमों के मध्य चार प्रतिरोध वायर बिन्दुओं AA ' , BB ' , CC ' तथा DD ' के मध्य stretched हैं । ये स्ट्रेन गेज की चार वाइन्डिंग के रूप में कार्य करते हैं तथा इनके प्रतिरोध चित्र 19.61 ( b ) की भांति एक व्हीट स्टोन ब्रिज की चार भुजाओं की भाँति संयोजित किये जाते हैं ।

दोनों फ्रेमों R1 . R2 . R3 तथा R4 के मध्य एक flexture element लगाया जाता है जिसका mechanical attachment किसी डायफ्राम से होता है जो दाब अथवा विस्थापन को ( sense ) ज्ञात करता है । गेज में प्रयुक्त चारों गेज वायर्स में प्रारम्भ में तनाव ( tension ) तथा उनका प्रतिरोध समान होता है जिसके कारण ब्रिज की आउटपुट ८० शून्य होती है ।

दाब में अल्प ( small ) परिवर्तन से moving फ्रेम में कुछ विस्थापन ( displacement ) होता है । जिससे दो तारों ( wires ) में तनाव ( tension ) बढ़ता है तथा दो में कम होता है । इसके प्रभाव से उन तारों का प्रतिरोध बढ़ जाता है जो tension में हैं तथा शेष दोनों तारों ( wires ) का प्रतिरोध घट जाता है । प्रतिरोध में परिवर्तन के फलस्वरूप ब्रिज असन्तुलित हो जाता है तथा उससे एक आउटपुट प्राप्त होती है जो विस्थापन ( displacement ) के समानुपाती होती है